भारत में वर्षां से आयुर्वेदिक और सफ़ेद मूसली का इस्तेमाल किया जा रहा है। भले ही आज कई
लोग अंग्रेजी दवाओं और इलाज पर निर्भर हों, फिर भी कभी न कभी आयुर्वेद का सहारा ज़रूर लेते
हैं। आयुर्वेद में कई जड़ी बूटियां हैं और उन्हीं में से एक है सफ़ेद मूसली। यह एक प्रकार का पौधा
है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते हैं। वैसे तो सफ़ेद मूसली के फ़ायदे अनेक हैं, लेकिन इसका
सबसे बड़ा योगदान पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने में और नपुंसकता का इलाज करने में किया जाता
है। मुख्य रूप से सफेद मूसली का प्रयोग सेक्स सम्बन्धी रोगों के लिए किया जाता है। मर्दों में
शुक्राणुओं की कमी होनें पर इसका प्रयोग किया जाता है।

सफेद मूसली कैसे खाएं
सफेद मूसली की जड़ों को पीसकर उसका पाउडर बनाया जाता है। इसके बाद इसे विभिन्न तरीकों
से बेचा जाता है। सफेद मूसली खाने का तरीका कुछ भी हो सकता है। आप इसे सीधे पाउडर के
रूप में ले सकते हैं, या फिर आप सफेद मूसली के कैप्सूल ले सकते हैं।
विभिन्न लोगों के लिए सफेद मूसली खाने के तरीके अलग-अलग होते हैं:
विभिन्न लोगों के लिए सफेद मूसली खाने का तरीका निम्न है: | |
छोटे बच्चे | एक बार में 1 ग्राम से कम |
बच्चे (13 -19 साल) | 1.5 से 2 ग्राम |
जवान (19 से 60 साल) | 3 से 6 ग्राम |
बुजुर्ग (60 साल से ज्यादा) | 2 से 3 ग्राम |
गर्भावस्था में | 1 से 2 ग्राम |
दूध पिलाने वाली माँ | 1 से 2 ग्राम |
अधिकतम खुराक | 12 ग्राम (3-4 बार में) |
कब लें: खाना खाने के 2 घंटे बाद |
सफेद मूसली के फायदे
शरीर में ऊर्जा व रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है
अगर आपको हमेशा सर्दी-ज़ुकाम हो या आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, तो सफ़ेद मूसली
का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके सेवन से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई
बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यह संक्रमण से आपका बचाव करेगी।
सफेद मूसली का सेवन करें थकान और कमजोरी में
सफेद मूसली आपकी थकान और कमजोरी दूर करती है।मूसली को शक्कर के साथ लेने से शरीर
में ताकत आती है और कमजोरी दूर भागती है।इसके लिए रोजाना दिन में दो बार सफेद मूसली को
शक्कर के साथ बराबर मात्रा में लें।
गर्भावस्था में मूसली
गर्भावस्था में भी सफ़ेद मूसली अच्छी औषधि है। प्रेग्नेंसी में सफ़ेद मूसली का सेवन करने से महिला
और होने वाला शिशु स्वस्थ रहता है। सिर्फ़ गर्भावस्था के दौरान ही नहीं, बल्कि डिलीवरी के बाद भी
मां मूसली का सेवन करें तो दूध की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होता है। (5) हालांकि, गर्भावस्था में
सफ़ेद मूसली का प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ज़रूर कर ले
लें।
सफेद मूसली के फायदे सेक्स-सम्बन्धी रोग में
अश्वगंधा की तरह ही सफेद मूसली भी आपकी सेक्स ड्राइव को बढ़ाकर आपकी निजी जिन्दगी को
बेहतर बनाती है।यह आपके गुप्तांगों में खून की मात्रा को बढ़ाती है, जिससे आप लम्बे समय तक
उत्तेजित रह सकते हैं।
सफेद मूसली मर्दों में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को काफी हद तक बढ़ा देता है। यह हार्मोन बहुत से
कार्यों में जरूरी होता है। बेहतर परिणाम के लिए आप इसे अकरकरा के साथ लें।

सफेद मूसली डायबिटीज में
सफेद मूसली एक बेहतरीन औषधि है। इसमें डायबिटीज से लड़ने की क्षमता होती है। यदि एक
दुबले-पतले व्यक्ति को डायबिटीज है, तो मूसली उसका इलाज करने में सक्षम होती है, लेकिन मोटे
व्यक्ति में यह थोड़ा मुश्किल होता है। यदि आपका वजन कम है, और आपको डायबिटीज है, तो
आपको आधा चम्मच मूसली दूध से साथ रोजाना लेना चाहिए।
